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सार्वजनिक रूप से स्तनपान और देश

दरअसल हमारा समाज पितृसत्ता के अलिखित नियामकों द्वारा शासित और संचालित होता है। अगर पुरुष स्त्री को निरा भोग की निगाह से देख रहा है ,  तो उ...

Shesh Nath Vernwal 7 Dec, 2022

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सार्वजनिक रूप से स्तनपान और देश

दरअसल हमारा समाज पितृसत्ता के अलिखित नियामकों द्वारा शासित और संचालित होता है। अगर पुरुष स्त्री को निरा भोग की निगाह से देख रहा है ,  तो उ...

Shesh Nath Vernwal 7 Dec, 2022

सार्वजनिक जगहों पर स्तनपान कराना हमारे ‘आधुनिक’ समाज में टैबू क्यों है?

बच्चे के लिए पहला आहार माँ का दूध बच्चे के लिए वह पहला आहार है जिसे बच्चा प्राकृतिक रूप से ग्रहण करता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना ह...

Shesh Nath Vernwal 7 Dec, 2022

आखिर न्याय कब मिलेगा?

आज के दिनो में जिस प्रकार हमारी बहन , बेटियों की सरेआम इज्जते लूटी जा रही है , उससे तो ऐसा प्रतीत होता है मानो बेटि खिलौना है। जब चाहो उपय...

Shesh Nath Vernwal 1 May, 2018

मुझे मत छेड़ो

मुझे मत छेड़ो मुझे टच मत करो मुझे क्यों टच कर रहे हो मेरी आँखो पे पटी क्यों लगा रहे हो मुझे कहाँ ले जा रहे हो मुझे छोड़ दो प्लीज ...

Shesh Nath Vernwal 1 May, 2018

बाबा मेरे बाबा

बाबा मेरे बाबा ! मेरे प्यारे बाबा ! उसके प्यारे बाबा ! हम सबके प्यारे बाबा ! आपने ही हमसबको ज्ञान का पाठ पढ़ाया । आपने ही हम स...

Shesh Nath Vernwal 11 Apr, 2018 3

मुझे जीने दो

मुझे जीने दो आजाद होकर रहने दो मुझे जन्म क्यों नहीं देती हो मुझे जन्म देती हो तो मारती क्यों हो मेरी जन्म के बाद सब रोते क्यों हो ...

Shesh Nath Vernwal 8 Apr, 2018 2