मुझे जीने दो

मुझे जीने दो
आजाद होकर रहने दो
मुझे जन्म क्यों नहीं देती हो
मुझे जन्म देती हो तो मारती क्यों हो
मेरी जन्म के बाद सब रोते क्यों हो
क्या मैं जन्म लेकर कुछ गलती की
मुझे जन्म देने के बाद कचड़े में क्यों फेकते हो
क्या मुझे अधिकार नहीं है समाज में रहने का
मझे अधिकार हैं समाज में रहने का 
तो फिर मुझे इतना सताया क्यों जाता हैं
मेरे भी कुछ सपने हैं
मुझे भी अपने लोग से मिलना हैं
मझे भी समाज में मिल जुलकर रहना हैं
मुझे भी उसके तरह पढ़ना लिखना हैं
मुझे भी उसके तरह मौज मस्ती करना हैं
उससे तुम कुछ नहीं करवाती
मुझसे सारा काम करवाती
वो घर लेट से आए तो उसे डाँटती नहीं
कहती हो थक गया होगा खाना खाकर आराम करो
मैं घर लेट से आउ तो डाँटती हो
पूछती हो कहाँ गई थी,क्या कर रही थी
तुमको कुछ काम नहीं हैं,इतने देर तक घूमती हो
लड़की हो लड़की जैसा रहो
घर जल्दी से आया करो
ऐसा क्यों करती हो
हम दोनो में इतना अंतर क्यों
मैं भी मनुष्य 
वो भी मनुष्य
मैं भी तेरे पेट मे 9 महीने रही
वो भी तेरे पेट मे 9 महीने रहा
फिर इतनी आजादी उसे क्यों
मुझे क्यों नहीं
हम पढ़ने को बोले तो बोलती हो
पढ़कर क्या करोगी आगे चलकर तो 
चूल्हा में रोटी सेंकना है
आखिर ऐसा क्यों करती हो
हमें भी डाँक्टर,इंजिनियर,अफसर बनना हैं
हमें तुम पढ़ाना नहीं चाहती हो
बोलती हो बेटा की शादी पढ़ी लिखी लड़की से करूँगी
मैं भी तो किसी की बहु बनुँगी,तो मुझे क्यों नहीं पढ़ाती
मुझे ये बताओ तुम 
तुम मुझे जन्म नहीं देना चाहती हो
तो बहु कहाँ से लाओगी
इसलिए बोल रही हूँ
हम दोनो में कोई अंतर नहीं करो
कुमार आयुष
हम एक है,एक समान जिन्दगी जीने का अधिकार है
हमें खुलकर जीने दो
हमें हमारी लक्ष्य को पाने दो
मुझे जीने दो
आजाद होकर रहने दो

कुमार आयुष
23, ईस्ट जेल रोड, रांची, झारखण्ड 834001
मोबाइल संख्या 7541946397,6202122415
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